स्टार्टअप इंडिया को स्टैंडअप इंडिया के नाम से भी जानते हैं। यह मुख्य रूप से ऐसी योजना है, जिसके तहत नए छोटे-बड़े उद्योगों को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता है। इसमें सरकार द्वारा लोन सुविधा, उचित मार्गदर्शन तथा अनुकूल वातावरण बनाना आदि बातें शामिल रहती हैं। इसके तहत आवेदन करने पर जरूरी डेवलपमेंट ट्रेनिंग भी दी जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है, जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़ें। योजना को सुचारु रूप से चलाने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) को सौंपा गया है।
डीआईपीपी ने इस योजना के पहले चरण को लागू करने के लिए इसका विस्तार से अध्ययन किया, कई स्टॉक होल्डर से बात करने के बाद एक नीतिगत ढांचा बनाया है। यह योजना युवाओं को उद्योगपति और उद्यमी बनने का अवसर देती है जो बेरोजगार बैठे हैं, लेकिन उनके पास कुछ इनोवेटिव आइडिया हैं। खास बात यह है कि स्टार्टअप इंडिया में उद्योग शुरू करने पर आपको तीन वर्ष तक इनकम टैक्स में छूट भी मिलती है।
योजना से जुड़ी खास बातें...
रोजगार के अवसर के लिए प्रारूप
एक रिपोर्ट के अनुसार स्टार्टअप के जरिये 2020 तक 65 हजार नई नौकरियां लाई जा रही हैं। सरकार को उम्मीद है कि यह आंकड़ा बढ़कर 2 लाख 50 हजार तक पहुंच जाएगा। अगर इस पीरियड में सरकार की उम्मीद के अनुसार परिणाम मिलते हैं तो नई नौकरियों के लिए और अधिक जगह बन सकेगी। सरकार का सोचना है कि जिन लोगों के पास व्यवसाय के नए आइडिया हैं, जो अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें मदद देकर आगे बढ़ाया जाए। इसमें आपका वार्षिक कारोबार 25 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए।
बिजनेस की धारणा बदल दी
स्टार्टअप इंडिया ने बिजनेस करने की वे पुरानी धारणाएं बदल दी हैं जिसमें आपके पास लाखों रुपया होना जरूरी होता था। अब आपके पास पैसा नहीं है, लेकिन बेहतरीन आइडिया है तो आप अपना उद्यम शुरू कर सकते हैं। यानी काम वही, लेकिन उसे नए तरीके से किया जाए, जिससे कई लोग जुड़ सकें और रोजगार सृजित हो सके।
क्या है स्टार्टअप?
स्टार्टअप का अर्थ है किसी नए काम की नए तरीके से शुरुआत करना। यह एक पंजीकृत इकाई है, जो छोटे उद्योग शुरू करने में मदद करती है। यह योजना 2016 से शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत देश में व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया जाता है। इतना ही नहीं, छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उनकी फंडिंग की जाती है, उन्हें आसान लोन सुविधा दी जाती है। वेव्यापार ठीक से कर सकें इसके लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाता है। ऐसा करने वाले लोग पीएम मुद्रा बैंक से लोन लेकर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं।